अब खिलौन से न, दिल बहलाइये। है हकीकत सामने भिड़ जाइये।
अब खिलौन से न, दिल बहलाइये। है हकीकत सामने भिड़ जाइये।
क्यूं किसी चेहरे पे, रौनक है नहीं। बात क्या है आप ही बतलाइये।।
टापकी सुनता यहां पे कौन है। चीखिये, चिल्लाइये, मर जाइये।।
थ्मल नहीं सकता है, हल इससे जनाब। आप सरकारे, बदलते जाइये।।
आइये मिल बैठकर बाते करें। बढ़ रहा है गम न अब कतराइये।।
आईने इस दौर के हरीश हम। इस तरह मत दूर, हमसे जाइये।।
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