सुनती हो, सुनाती हो, कहकर आना जाना पापा का।
सुनती हो, सुनाती हो, कहकर आना जाना पापा का।
लगता है- बस मम्मी ही हैं, ठौर-ठिकाना पापा का।।
गुस्से से गरमाये चेहरा, जब भी मेरी मम्मी का।
कितना प्यारा सा लगता है, चुप रह जाना पापा का।।
मांग भरे रहती है मम्मी, फिर भी हर पल मांग करें।
दोनों हाथों लूट रही हैं, भरा खजाना पापा का।।
मेरे भगवन्, ऐसी घटना युगो-युगों दिन-रात घटे
मम्मी जी का पलक बिछाना लौट के आना पापा का।।
उनका दफ्तर से थककर आना, और चाय पीने के बाद।
अचरज जैसा लगता है हमको भी हंसना पापा का।।
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