Wednesday, September 30, 2020

महाकवि माघ अपनी उदारता के लिए प्रसिद्ध थे.....

उदारता 

महाकवि माघ अपनी उदारता के लिए प्रसिद्ध थे.....
महाकवि माघ अपनी उदारता के लिए प्रसिद्ध थे.....


 महाकवि माघ अपनी उदारता के लिए प्रसिद्ध थे, उन दिनों उनकी स्थिति खराब चल रही थी फिर भी हृदय की उदारता पहले जैसी ही थी। 

एक रात उनके घर पर एक याचक आया उसने बताया कि मुझे अपनी कन्या का विवाह करना है, और मेरे पास कुछ भी नहीं है। आप की ख्याति सुनकर आपके पास आया हूं कुछ सहायता मिल जाए तो मेरा काम बन जाए।

कवि माघ का हृदय भर आया, घर की सम्पत्ति पर दृष्टि डाली उनके पास कुछ भी नहीं था। तभी पास ही सो रही पत्नी पर दृष्टि गई, धीरे से कंगन उतारा और अतिथि को देते हुए बोले इस समय इससे अधिक के लिए मैं विवश हूं। जो कुछ पास में है, उसे स्वीकार कीजिए।

तभी उनकी पत्नी की आंखे खुली वस्तु स्थिति को समझा, मंद मुस्कुराहट के साथ बोली भला विवाह जैसा कार्य एक कंगन में कैसे हो सकेगा? यह दूसरा भी ले जाइए और दूसरा कंगन भी उतारकर दे दिया। माघ पत्नी के इस कृत्य पर पुलकित हो उठे।

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