हर बीते हुए दिनों की याद है दोस्ती, मुसीबत में मदद की फरियाद है दोस्ती।
ये है दोस्ती
हर बीते हुए दिनों की याद है दोस्ती, मुसीबत में मदद की फरियाद है दोस्ती।
टूटे हुए दिलों को भी जोड़ दे जो, दुश्मनी की जंग में आबाद है दोस्ती।
भरोसे का दूसरा नाम है दोस्ती, कुदरत से हासिल एक ईनाम है दोस्ती।
कुछ ऐसे भी लोग हैं यहां जिनकी वजह से आज, बदनाम है दोस्ती।
कांटों की झाड़ में, गुलाब है दोस्ती, तपते रेगिस्तान में भी आज है दोस्ती।
दुनिया में एक खुली हुई किताब की तरह हर उलझे हुए प्रश्न का जवाब है दोस्ती।
Labels: कविता


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