Friday, October 16, 2020

भूलो सभी को मगर मां बाप को भूलना नहीं। - Hindi Kavita

मां बाप को भूलना नहीं

भूलो सभी को मगर मां बाप को भूलना नहीं। Hindi Kavita


भूलो सभी को मगर मां बाप को भूलना नहीं।

उपकार अगणित है उनके, इस बात को भूलना नहीं।।


पत्थर पूजे कई तुम्हारे जन्म के खातिर अरे।

पत्थर बन मां बाप का दिल कभी कुचलना नहीं।।


मुख का निवाला दे अरे जिसने तुम्हे बड़ा किया ।

 अमृत पिलाया तुमको जहर उनके लिए उगलना नहीं।।


दिया है कितना प्यार और अरमान भी पूरे किये।

पूरे करो अरमान उनके बात यह भूलना नहीं।।


लाखों कमाते हो भले मां बाप से ज्यादा नहीं।

संतान से सेवा चाहोख् तो संतान बन सेवा करो।।


जैसी करनी वैसी भरनी न्याय यह भूलना नहीं।

जिसने बिछाये थे फूल हरदम तुम्हारी राहों में।।


उस रहबर की राह के कंटक कभी बनना नहीं।

धन तो मिल जायेगा मगर मां-बाप क्या मिल पायेंगे।


गंगा से पावन उन चरणों की, चाह कभी भूलना नहीं।।


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