प्यारी-दुलारी मेरी गुड़िया सबके मन को भाती गुड़िया। - Hindi Kavita
कविता - मेरी गुड़िया
प्यारी-दुलारी मेरी गुड़िया
सबके मन को भाती गुड़िया।
मटक-मटक के नाच दिखाती।
सुन्दर-सुन्दर गाना गाती।
प्यारी-दुलारी मेरी गुड़िया।
पहने वह लाल घंघरिया।
काली-काली मोटी-मोटी अंखिया।
लम्बी सी प्यारी एक चुटिया,
सबसे न्यारी है यह गुड़िया।
प्यारी-दुलारी मेरी गुड़िया।
सुबह उठाकर रोज नहलाती।
दुल्हन जैसी मैं उसको सजाती।
रात को अपने पास सुलाती।
प्यारी-दुलारी मेरी गुड़िया।
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