Friday, October 16, 2020

प्यारी-दुलारी मेरी गुड़िया सबके मन को भाती गुड़िया। - Hindi Kavita

 कविता - मेरी गुड़िया

प्यारी-दुलारी मेरी गुड़िया  सबके मन को भाती गुड़िया। - Hindi Kavita


प्यारी-दुलारी मेरी गुड़िया

सबके मन को भाती गुड़िया।

मटक-मटक के नाच दिखाती।

सुन्दर-सुन्दर गाना गाती।

प्यारी-दुलारी मेरी गुड़िया।


पहने वह लाल घंघरिया।

काली-काली मोटी-मोटी अंखिया।

लम्बी सी प्यारी एक चुटिया,

सबसे न्यारी है यह गुड़िया।

प्यारी-दुलारी मेरी गुड़िया।


सुबह उठाकर रोज नहलाती।

दुल्हन जैसी मैं उसको सजाती।

रात को अपने पास सुलाती।

प्यारी-दुलारी मेरी गुड़िया।

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