मैं गुलाब हूं, मैं गुलाब हूं, सब फूलों में मैं नवाब हूं! - Kavita
कविता- मैं गुलाब हूं
सब फूलों में मैं नवाब हूं,
पुष्प् वाटिका की शोभा मैं।
उपवन का गर्वीला राजा।।
मुझे हाथ में लेकर देखो
कितना कोमल कितना ताजा।
मैं तितली रानी का प्यारा
भौंरे की आंखों का तारा।
मुझ पर सभी निछावर होते,
मेरा रुप रिझावन हारा।।
मेरी मधुर सुगंध चुराकर,
पवन दूर तक हौले जाती।
मेरी मधु-मुस्कान देखकर,
किसकी आंख नहीं ललचाती।
पहले जो गौरव पद पाया,
जनमानस में नीलकमल ने।
मुझे वही पद दिलवाया है
सर्वप्रथम मुमताज महल ने।।
अब तो सभी मानते हैं यह ,
मुझसा कोई फूल न दूजा।
मुझसे सब सार्थक करते
अपने इष्टदेव की पूजा ।।
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