बाल विकास को प्रभावित करने वाले कारक
"वंशानुक्रम में वे सभी बातें समाहित रहती हैं जो जीवन का आरम्भ करते समय, जन्म के समय नहीं वरन जन्म से लगभग नौ माह पूर्व गर्भाधान के समय व्यक्ति में उपस्थित थी।" - वुडवर्थ
अर्थात्
वे सभी गुण जो बालक को अपने माता पिता या वंश परंपरा से जन्मजात प्राप्त होते हैं, वे वंशानुक्रम के अंतर्गत आते हैं।
| बाल विकास को प्रभावित करने वाले कारक |
वंशानुक्रम के नियम
- समानता का नियम
- भिन्नता का नियम
- प्रत्यागमन का नियम
- चयनित गुणों का नियम
- मातृ एवं पितृ पक्षों का नियम
- संयोग का नियम
- बीज कोष की निरन्तरता का नियम
- मेन्डल का नियम
"वातावरण शब्द का प्रयोग उन समस्त बाह्य शक्तियों, प्रभावों तथा दशाओं को सामूहिक रूप से वर्णित करने के लिए किया जाता है जो जीवित प्राणियों के जीवन, स्वभाव, व्यवहार तथा बुद्धि, विकास व परिपक्वता को प्रभावित करता है।" - डगलस के अनुसार
"माता- पिता की शारीरिक एवं मानसिक विशेषताओं का सन्तानों में हस्तांतरण होना वंशानुक्रम" कथन है। -जेम्स ड्रेवर
- प्रतिभाशाली माता-पिता के सन्तान कम प्रतिभाशाली तथा निम्न कोटि के माता-पिता के संतान उच्च प्रतिभाशाली होने की प्रवृत्ति कहलाती है - प्रत्यागमन
- जब माता-पिता के बच्चे उसके विपरीत विशेषताओं वाले विकसित होते हैं - प्रत्यागमन
- वंशानुक्रम व्यक्ति की जन्मजात विशेषताओं का पूर्ण योग है - बी0एन0 झा
- वातावरण का किस दृष्टि से सबसे अधिक महत्व है - व्यक्तिगत निर्माण
- रूसो के शिक्षक संबंधी विचार पुस्तक से मिलते हैं - एमील
- Democracy and Education पुस्तक लिखी है - जाॅन डेवी
- एक सफल अध्यापक के लिए अधिक आवश्यक है - विषयवस्तु का समुचित ज्ञान
- "मनुष्य स्वतन्त्र पैदा होता है, किन्तु वह बाद में सब ओर से जंजीरों से बांध दिया जाता है" यह कथन है - रूसो
- एक संतान में माता-पिता के अतिरिक्त पूर्वजों के गुण या लक्षण आते हैं - 1/2 माता-पिता, 1/4 दादा-दादी, 1/8 परदादा-दादी, 1/16, 1/32 शेषांश अन्य पूर्वजों से
- वंश दर वंश या गुण कम होते जाते हैं - 1/2, 1/4,1/8, 1/16, 1/32 आदि
- वंशानुगत रोग है - वर्णांधता, हीमोफिलीया
- लाल व हरा रंग में भेद नहीं कर पाता है - वर्णान्धता का रोगी
- मनुष्य में चोट लगने या कट जाने पर रूधिर स्त्राव बन्द न होना बिमारी है - हीमोफिलीया का
- वंशानुक्रम की इकाई है - जीन
- विकासवादी सिद्धान्त का समर्थक था - लैमार्क
- वंशानुगत सिद्धान्त के जनक थे -ग्रेगर जान मेण्डल
- ग्रेगर जान मेण्डल ने आनुवांशिकी का सिद्धान्त किस पौधे पर खोज किया - मटर पर
- कौन सा कारक बाल विकास को मुख्य रूप से प्रभावित करता है - आनुवांशिकता
- शिशु की औपचारिक संस्था है - विद्यालय
- अच्छे नैतिक चरित्र का विकास संभव है - शिक्षा द्वारा
- कौन-सी क्षमता या गुण वंशानुक्रम जनित है - बुद्धि
- बालक की प्रारंभिक अवस्था में बालक के जीवन पर किसके वातावरण का सबसे अधिक प्रभाव होता है - घर का
- वातावरण की दृष्टि से सबसे अधिक महत्व है - व्यक्तित्व निर्माण में
- भाषा-विकास पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है - घर का
- पाइसम सेटाइवम वैज्ञानिक नाम है - मटर का
- वंशानुगत गुण है - जन्मजात
- संतान को पिता से जीन प्राप्त होते हैं - 50 प्रतिशत
- वर्णान्ध व्यक्ति लाल व हरे रंग में भेद नहीं कर सकता इसे कौन सा दोष कहा जाता है - प्रोटीन दोष
- वर्णान्ध व्यक्ति नहीं बन सकता है - कलाकार
- व्यवहार के रचनातंत्र का निर्माण होता है - वंशानुक्रम में
- वंशानुक्रम सिद्धान्त का बीज रूप प्राप्त होता है - अरस्तू के कथन में
- मेण्डल का वंशानुगत सिद्धान्त प्रकाशित हुआ था - 1866 में
- वंश परंपरा के मुख्य वाहक हैं - पि़त्रैक (Gene)
- रुचियों, मूल प्रवृत्तियों एवं स्वाभाविक आवेगों का स्वस्थ विकास हो सकता है -स्वच्छ वातावरण द्वारा
- भ्रूण में कितने क्रोमोसोम होते हैं - 46
- आंखों व त्वचा का रंग होता है - फोनोटाइप
- नर क्रोमोसोम है - XY
- मादा क्रोमोसोम है - XX
- निषेचित अण्डा कहलाता है - भ्रूण
- जन्म से पूर्व काल में कितनी अवस्थाएं होती हैं - 3
- सबसे छोटी कोशिका कौन सी है - शुक्राणु
- सबसे बड़ी कोशिका कौन सी है - ओवम या अण्डा
- भू्रण काल होता है - 2 से 8 सप्ताह
- लड़का या लड़की होना निर्धारित होता है - नर शुक्राणु द्वारा
- वंशक्रम संबंधी नियम हैं - समानता का नियम, विभिन्नता का नियम, प्रत्यागमन का नियम
- शिक्षा प्रक्रिया का केन्द्र बिन्दु है - छात्र
- "मनुष्य की अन्तर्निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना शिक्षा है" - स्वामी विवेकानन्द
- शिक्षा का अर्थ उन सर्वमान्य विचारों को विकसित करना है जो प्रत्येक मनुष्य के मस्तिष्क में विलुप्त होती है - सुकरात
- "स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण करना ही शिक्षा है" - अरस्तू
- विद्या से अमरत्व की प्राप्ति होती है कहां पर उल्लेख किया गया है - यजुर्वेद
- शिक्षा कैसा विज्ञान है - नियामक
- मनोविज्ञान की प्रकृति होती है - वैज्ञानिक
- किसके अनुसार - "मनोविज्ञान चेतना का विज्ञान है" - जेम्स
- मनोविश्लेषणवाद के प्रतिपादक हैं - फ्रायड
- शिक्षा मनोविज्ञान की परिधि - शिक्षक, शिक्षार्थी, पाठ्यक्रम
- शिक्षा मनोविज्ञान के तीन क्षेत्र - अधिगमकर्ता, अधिगम और अधिगम दशाएं।
- मनोविज्ञान की सबसे अधिक प्रयोग की जाने वाली विधि है - निरीक्षण विधि
- शिक्षा मनोविज्ञान का अध्ययन अध्यापक को इसलिए करना चाहिए ताकि - अपने शिक्षण को अधिक प्रभावशाली बना सके
- शिक्षा मनोविज्ञान में अध्ययन किया जाता है - मानव व्यवहार की शैक्षणिक परिस्थितियों का
- शिक्षा को मनोविज्ञानिक आधार की आवश्यकता क्यों है - बालकों के आंतरिक एवं बाह्य गुणों का पता लगाने तथा शैक्षिक समस्याओं के समाधान हेतु
- शिक्षा की दृष्टि से बालक महत्वपूर्ण आवश्यकता है - बालकों के साथ मनोवैज्ञानिक व्यवहार
- "शिक्षा-मनोविज्ञान शिक्षण विधियों के चयन में शिक्षक की सहायता करता है कथन है" -स्किनर का
- मनोविज्ञान का वास्तविक अर्थ है -व्यवहार का विज्ञान
- मनोविज्ञान है - विधायक विज्ञान
- निरीक्षण विधि में किया जाता है - दूसरों का अध्ययन
- मनोविज्ञान की उचित विषयवस्तु है - व्यवहार
- "मनोविज्ञान शिक्षा का आधारभूत विज्ञान है" कथन है - स्किनर
- शिक्षा मनोविज्ञान का केन्द्र है - बालक
- शिक्षा के तीन ध्रुव कौन-कौन से हैं - शिक्षक, शिक्षार्थी, पाठ्यक्रम
- वैदिक काल में शिक्षा का सर्वोच्च उद्देश्य था - मोक्ष की प्राप्ति
- वैदिक काल में शिक्षा का आरम्भ किस संस्कार से होता था - उपनयन संस्कार
- समावर्तन के समकक्ष संस्कार है - उपसम्पदा
- मुस्लिम काल में प्रारंभिक शिक्षा दी जाती थी - मकतब में
- इस समय शिक्षा संविधान की किस सूची में है - समवर्ती सूची में
- शिक्षा में सर्वाधिक जटिल समस्या है - प्राथमिक शिक्षा की
- वर्तमान समय में विद्यमान आवासीय विद्यालयों की तरह प्राचीन समय के स्कूल थे - गुरुकुल
- नर्सरी स्कूल के प्रारम्भकर्ता थे - फ्रोबेल
- नवोदय विद्यालय का गठन किसके लिए किया गया - 75 प्रतिशत ग्रामीण और 25 प्रतिशत शहरी मेधावी बच्चों के लिए
- आपरेशन ब्लैक बोर्ड में प्रावधान है - दो शिक्षक दो कमरों का
- आपरेशन ब्लैक बोर्ड संबंधित है - प्राथमिक विद्यालयों में न्यूनतम सुविधाओं से
- डाइट (DIET) का गठन किसके लिए किया गया - प्राथमिक शिक्षकों के लिए
- बच्चों का सही मूल्यांकन होता है - मासिक परीक्षा में
- मूल्यांकन का सर्वोत्तम रुप है - सतत एवं व्यापक मूल्यांकन
- प्रश्नपत्र का सही रूप है - पहले आसान और बाद में कठिन प्रश्न
- एक अच्छे मूल्यांकन के तीन महत्वपूर्ण गुण हैं- वैधता, व्यापकता, विश्वसनियता
- मापन होता है - मात्रात्मक
- मूल्यांकन के पक्ष होते हैं - तीन
- शिक्षक-दिवस किसके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है - डाॅ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन
Labels: Bal Manovigyan

<< Home