क्या होता है ब्लैक बॉक्स? What is Black Box? | in Hindi |
क्या होता है ब्लैक बॉक्स? What is Black Box? | in Hindi |
किसी भी हवाई दुर्घटना के बाद जांचकर्ता सबसे पहले ब्लैक बॉक्स तलाशने की कोशिश करते हैं। इसमें विमान के अंदर की बहुत अहम जानकारियां संरक्षित रहती हैं। इसे विमान के पिछले हिस्से में लगाया जाता है।
इसके पीछे मुख्य वजह यह भी है कि किसी दुर्घटना की स्थिति में विमान के पिछले हिस्से को सबसे कम नुकसान की आशंका रहती है। ब्लैक बॉक्स की खासियत क्या-क्या हैं आइये जानते हैं-
नारंगी होता है ब्लैक बॉक्स
अपने नाम के उलट ब्लैक बॉक्स का रंग नारंगी होता है। यह चमकीला रंग इसे आसानी से खोजने लायक बनाता है। इस पर लगा पेंट भी आग और पानी से लगभग अप्रभावित रहता है।
चार हिस्सों में होता है निर्माण
- ब्लैक बाक्स के चार हिस्से होते हैं। पहला है इलेक्ट्रानिक सर्किट बोर्ड। इसे मेमोरी बोर्ड भी कहा जाता है। इसे आडियो और कई तरह के डाटा रिकार्ड करने के लिए तैयार किया जाता है।
- मेमोरी बोर्ड को एल्युमीनियम के डिब्बे में बंद कर दिया जाता है। यह इंसुलेशन इसे 1000 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में भी सुरक्षित रखता है।
- इंसुलेशन के बाद इसे टाइटेनियम या स्टेनलेस स्टील के मजबूत बक्से में बंद कर दिया जाता है। यह बाहरी मजबूत परत अंदर के मेमोरी बोर्ड का किसी भी बाहरी चोट, आग और पानी से बचाती है।
ब्लैक बॉक्स की खूबियां
- समुद्र की गहराइयों से भी महीनेभर तक इलेक्ट्रानिक सिग्नल भेजने में सक्षम
- समुद्र के खाने पानी से भी ब्लैक बॉक्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
- किसी विमान हादसे की स्थिति में लगने वाले अधिकतम संभावित आघात को यह आसानी से सह सकता है।
- 1000 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान झेलने में सक्षम है ।
ब्लैक बॉक्स इतना जरुरी क्यों है?
ब्लैक बॉक्स मेें फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और कॉकपिट वायस रिकार्डर (सीवीआर) होते हैं। ये दोनों रिकार्डर एक ही बाक्स में या अलग-अलग बाक्स में रखे हो सकते हैं। फ्लाइट डाटा रिकार्डर विमान की गति, ऊंचाई, हवा की गति, विमान के ऊपर जाने की गति, ईंधन के फ्लो समेत करीब 80 गतिविधियां प्रति सेकेण्ड रिकॉर्ड करता है। इसमें 24 घंटे से ज्यादा की रिकॉर्डिंग रहती है। सीवीआर में काकपिट की आवाज रिकॉर्ड होती है। यह पायलटों की आपसी बातचीत, उनकी एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से हुई बातचीत को रिकार्ड करता है। स्विच और इंजन की आवाज भी इसमें रिकार्ड होती है। इनके विश्लेषण से दुर्घटना के कारण को जानने में मदद मिलती है।
ऐसे काम करता है ब्लैक बॉक्स
ब्लैक बॉक्स वास्तव में काले नहीं बल्कि उच्च दृश्यता वाले नारंगी रंग के होते हैं। इसका उद्देश्य भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं के विश्लेषण और रोकथाम में मदद करने के लिए कॉकपिट की बातचीत के डाटा को संरक्षित करना है।
साढ़े चार किलो का होता है
- इसका वनज लगभग 4.5 किलो का होता है। इसमें दो रिकॉर्डर होते हैं।
- पहला कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर), जिसमें पायलट और कॉकपिट की आवाज रिकॉर्ड होती है।
- दूसरा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर), जो विमान में बैठे बाकी लोगों की आवाज रिकॉर्ड की जाती है।
- कमर्शियल हो या लड़ाकू, ब्लैक बॉक्स यानी फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर हर तरह के विमान में लगा होता है।
ऐसे डाटा को निकालते हैं
किसी दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद तकनीकी विशेषज्ञ सबसे पहले सुरक्षात्मक मटेरियल को हटाकर बेहद सावधानी से कनेक्शन क्लीन करते हैं, ताकि गलती से कोई भी जरुरी डाटा न मिटे।
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